ज़िन्दगी में अन्धेरा

15-03-2024

ज़िन्दगी में अन्धेरा

सुशील यादव (अंक: 249, मार्च द्वितीय, 2024 में प्रकाशित)

 

2122    2122    2122
 
ये थका सा क़ाफ़िला कब तक चलेगा
करवटों का सिलसिला कब तक चलेगा
 
कौन जाने लापता मंज़िल कहाँ पे
और उखड़ा रास्ता कब तक चलेगा
 
आप चल लेते अँधेरे, मन के माफिक
आपका ये फ़ैसला कब तक चलेगा
 
कोई तो तुम रौशनी के ख़्वाब देखो
या ख़ुदा ये बद्दुआ कब तक चलेगा
 
छोड़ दो अब तो हिदायत रात जीना
बारहा हर मश्वरा कब तक चलेगा
 
थक चुकी है अब यहाँ ताक़त जिस्मानी
क़ातिलों से सामना कब तक चलेगा
 
बिन बुलाए आ खड़ी हो मौत बेजा
एक तरफ़ा हादसा कब तक चलेगा
 
रहनुमाओ ख़ौफ़ मत पैदा करो अब
पुश्तों जारी मामला कब तक चलेगा
 
सामने मीज़ान मेरे इश्क़ का कर 
मुझ पे सारा ज़लज़ला कब तक चलेगा

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