सागौन बबूल भी तुम्हीं रखना

15-04-2024

सागौन बबूल भी तुम्हीं रखना

सुशील यादव (अंक: 251, अप्रैल द्वितीय, 2024 में प्रकाशित)

 

सागौन बबूल भी तुम्हीं रखना
मौसम अनकूल भी तुम्हीं रखना
 
रोड़े मेरी राह में तुमने दिए हैं
हाथ मेरे फूल भी तुम्हीं रखना
 
सब से मिला ख़ुश हो हो कर याद करो
सीने मेरे शूल भी तुम्हीं रखना
 
मर्यादा का ये उलझा धागा
माथे में धूल भी तुम्हीं रखना
 
मन के घावों पर पट्टी मरहम
जी भर प्रतिकूल भी तुम्हीं रखना

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