आदमी हो दमदार होली में

15-03-2025

आदमी हो दमदार होली में

सुशील यादव (अंक: 273, मार्च द्वितीय, 2025 में प्रकाशित)

 

बहर: मुतदारिक मुरब्बा मुख़ला मुज़ाफ़
अरकान: फ़ाइलुन फ़अल फ़ाइलुन फ़अल
तक़्तीअ: 212 12 212 12
 
आदमी हो दमदार होली में
आओ कर लें तकरार होली में
 
कौन चिपका देता है गलियों में
लफ़्ज़ लज़्ज़तों-दार होली में
 
बाँटता रहा हूँ मैं ज़िन्दगी
हँस ख़रीदो तुम यार होली में
 
सब के हैं मज़े अपने अपने से
मेरी है वो बीमार होली में
 
ले के आऊँगा अबीर बस
जानू रहना तैयार होली में
 
गाल में चमक लाल-लाल है
गोरी ख़ुद है किरदार होली में
 
सब की नींद भौजी उड़ा रही
है पड़ौस संसार होली में
 
हाथ मेरे चक्कू-छुरी लगा
हाथ उसके तलवार होली में
 
है कबीर चादर ये मैली सी
ओढ़ फिरते हर बार होली में
 
रंग डाल जाया नहीं करो
गिरगिटो जनाधार होली में
 
ये हवस मिटेगी नहीं कभी
डालो सारे हथियार होली में

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