
संपादकीय - यू.एस.ए. और इसका चरित्र
साहित्य कुञ्ज के इस अंक में
कहानियाँ
उदास आँखों के जलते बुझते जुगनू
पहाड़ियों के बीच घिरा भोपाल का बड़ा तालाब। शाम का वक़्त, दूर क्षितिज में कहीं उतरता हुआ डूबता सूरज। पानी की झिलमिल सतह। आज नववधू के रूप में नख से शिखा तक शृंगार कर मानो साजन से मिलने को आगे पढ़ें
कुर्ते पर लगे रंग
बार बार कहने पर वह मान गया। पर ग़ुस्सा फिर भी मन में रहा। सर्दी का मौसम जा रहा था। गर्मी अपने रंग दिखाने लगी थी। वह ग़ुस्सा शायद गर्मी का असर हो? हो सकता था। जूस का एक आगे पढ़ें

गोलू और सोनी की सैर
“आज गर्मी क़हर ढा रही है। उमस भरी दोपहर। हवा का मानो-निशान नहीं . . . सूरज है या आग का गोला . . . और ये सोनी . . . अब क्या कहूँ इससे? बात भी नहीं कर रही। आगे पढ़ें
मिर्चा राजा
मूल कहानी: इल् रियुसियो फ़ाटो ए मैनो; चयन एवं पुनर्कथन: इतालो कैल्विनो; अंग्रेज़ी में अनूदित: जॉर्ज मार्टिन (द हैंडमेड किंग); पुस्तक का नाम: इटालियन फ़ोकटेल्स; हिन्दी में अनुवाद: ‘मिर्चा राजा’ सरोजिनी पाण्डेय एक राजा था और एक रानी आगे पढ़ें
सब ठीक है ना!!
“सुना! नमिता बाल-बाल बच गई। सच में बच्चियों का भाग्य।” पूरा एक महीने ससुराल, मायके और कॉलेज में यही चर्चा। क्या हुआ? कैसे हुआ नमिता? ठीक हो! कोई कुछ और न सोचे बैठा हो यही सोच, हर पूछने वाले आगे पढ़ें
हास्य/व्यंग्य
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस और असली हक़ीक़त
1. सम्मान की औपचारिकता अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस यह दिवस आधा दशमलव महिलाओं के लिए भारत में होता है। महिला दिवस पर कुछ महिलाओं को मंच पर बुलाकर सम्मानित किया जाएगा, तालियाँ बजेंगी, फोटो खिंचेंगी, लेकिन अगले ही दिन वही आगे पढ़ें
कोटि-कोटि के कवि
“कोई ऐ शाद पूछे या न पूछे इससे क्या मतलब, ख़ुद अपनी क़द्र करनी चाहिये साहब कमालों को।” किसी गुमनाम शायर की इन मशहूर पंक्तियों को हमारे हिंदी-उर्दू के कवियों और शायरों ने अपने दिल पे ले लिया है आगे पढ़ें
सम्मान लिपासुओं के लिए शुभ सूचना
अपनी धाँसू साहित्यिक संस्था का प्रधान, उपप्रधान, सचिव, सहसचिव होते अपने शहर के, अपने शहर के आसपास के तमाम पुरस्कृत, अपुरस्कृत साहित्यकार बंधुओं को यह जानकारी देते हुए हार्दिक प्रसन्नता हो रही है कि हमारी साहित्यिक संस्था शहर में आगे पढ़ें
होली में भाँग खाए बलई चचा हमार
हमारे पूर्वांचल के गाँवों में होली का पर्व बड़े उत्साह से मनाया जाता है। यहाँ होली आज भी थोड़ी बहुत ज़िन्दा है। होली का त्योहार हो और बलई काका उसमें न शामिल हों तो होली का कोई मतलब ही आगे पढ़ें
आलेख
चरित्र गठन का आधार-शिक्षा व अभ्यास
हम चरित्र की बात समय-समय पर नहीं, हर समय करते हैं। किसी के चरित्र को अच्छा घोषित करते हैं तो किसी के चरित्र को बुरा घोषित कर दिया जाता है। सभी शैक्षणिक संस्थानों द्वारा चरित्र प्रमाण पत्र जारी किया आगे पढ़ें

नीदरलैंड और महिला अधिकार
आज का समय आधुनिकीकरण का समय है। आज नारी हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। स्त्रियों को समानता का अधिकार प्राप्त है। नीदरलैंड पूरे विश्व के लिए समानता के अधिकार के लिए जाना आगे पढ़ें

पत्रिका का सफ़रनामा
‘धरती’ पत्रिका के बारे में आपातकाल के बाद कुछ ठीक-ठाक लिखने का सिलसला प्रारंभ हुआ। जब तक कॉलेज में पढ़ रहा था तब तक कहीं कुछ भेजा नहीं। इंजीनियरिंग की शिक्षा पूरी करना प्राथमिक आवश्यकता थी। फ़ायनल की परीक्षाएँ आगे पढ़ें

शाहीर योगेश-मराठी और हिंदी शाहिरी कला का एक अमूल्य नायक
देश धरम पर मिटने वाला। शेर शिवा का छावा था॥ महापराक्रमी परम प्रतापी। एक ही शंभू राजा था॥ छत्रपति संभाजी महाराज पर ऊपरलिखित गीत के पंक्ति लिखनेवाले मराठी और हिंदी के चर्चित शाहीर योगेश का नाम वीर रसपूर्ण गीतकार के आगे पढ़ें
संस्कृति, भाषा और साहित्य सन्दर्भ में भारतीय भाषाओं में पारस्परिक अनुवाद
‘आज की परिचर्चा का विषय है भारतीय साहित्य में स्त्री का जीवन संघर्ष/कविता में स्त्री स्वर/और साथ में एक नोट भी जुड़ा हुआ कि यह प्रपत्र किसी भी भाषा में हो सकता है—उदहारण कन्नड़, संस्कृत, अंग्रेज़ी, मराठी, उर्दू, कोंकणी, आगे पढ़ें
समीक्षा

ख़ैबर दर्रा-संग्रह की कहानियाँ बहुत देर तक साथ बनी रहती हैं
समीक्षित पुस्तक: ख़ैबर दर्रा (कहानी संग्रह) लेखक: पंकज सुबीर प्रकाशक: राजपाल एंड सन्ज़, नयी दिल्ली मूल्य: ₹325/- पृष्ठ-176 प्रकाशन वर्ष: 2025 पंकज सुबीर की कहानियाँ जाति-धर्म के अंतर को महत्त्व न देकर मानवीय रिश्तों को अहम् स्थान देती हैं। इस आगे पढ़ें

घुमक्कड़ी—सुध-बुध खोकर आप लेखिका के साथ-साथ चलते हैं
समीक्षित पुस्तक: घुमक्कड़ी-(अंग्रेज़ी साहित्य के गलियारों में) विधा: यात्रा वृत्तान्त लेखक: मनीषा कुलश्रेष्ठ प्रकाशक: शिवना प्रकाशन, सम्राट कॉम्प्लैक्स बेसमेंट, बस स्टैंड के सामने, सीहोर मप्र 466001 मोबाइल-9806162184 ईमेल: shivna.prakashan@gmail.com मूल्य: ₹350/- प्रकाशन वर्ष: 2025 ‘घुमक्कड़ी’ एक किताब नहीं नशा है आगे पढ़ें

दिल्ली नज़र आई
समीक्षित पुस्तक: दिल्ली नज़र आई (ग़ज़ल संकलन) लेखक: नन्दी लाल ‘निराश’ प्रकाशक: श्वेतवर्णा प्रकाशन, 232, B1, लोक नायक, बक्करवाल, न्यू देहली-110041 ISBN: 978-81-981869-9-7 पृष्ठ संख्या: 112 मूल्य: ₹299.00 अभिमत संवेदना, संजीदगी और सदाशयता की पावन त्रिवेणी से अभिषिक्त, अभिमंत्रित व आगे पढ़ें

सामाजिक सत्यों को कहानी का रूप देता संग्रह ‘खंडित यक्षिणी'
समीक्षित पुस्तक: खंडित यक्षिणी (कथा संग्रह) लेखिका: डॉ. रमा द्विवेदी प्रकाशक: शब्दांकुर प्रकशन, दिल्ली पृष्ठ संख्या: 122 मूल्य: ₹300.00 रमा जी से अब तक मुलाक़ात नहीं हुई है पर लगता है उन्हें बहुत अरसे से जानती हूँ। यूँ भी लेखक को आगे पढ़ें

ख़ैबर दर्रा
समीक्षित पुस्तक: ख़ैबर दर्रा लेखक: पंकज सुबीर प्रकाशक: राजपाल एंड सन्ज़ प्रकाशन वर्ष: 2025 पृष्ठ संख्या: 176 मूल्य: ₹325.00 ISBN: 978-8198009753 एमाज़ॉन पर उपलब्ध: ख़ैबर दर्रा ‘ख़ैबर दर्रा’ कथाकार, ग़ज़लकार, व्यंग्यकार और संपादक पंकज सुबीर का सद्यः प्रकाशित कहानी आगे पढ़ें
संस्मरण
अरे बनारस तो गाँव है!
हमारी बिटिया नीलू (प्रतिमा) जब छोटी थी तो स्कूल में जब छुट्टियाँ होतीं तो घर आ कर बताती कि मेरी सहेली गाँव जा रही है। फिर मेरी वो मित्र भी गाँव जायेगी। इस तरह दशहरे-दिवाली, गर्मी की छुट्टियों में आगे पढ़ें
नीलू और प्रतिमा
1. हमारी जब बिटिया हुई तो उसके बाबा ने उसका नाम नीलू रखा। जब हम उसे लेकर मैके गये तो बातचीत में पिताजी ने कहा कि बच्चों के नाम, नकारात्मक अक्षर से नहींं रखने चाहिए। जब स्कूल में नाम आगे पढ़ें
हाथ की मज़बूती
हमारे पिताजी बहुत चतुर व हाज़िर जवाब थे। उन्होंने मेरठ कॉलेज, उत्तरप्रदेश, से वकालत की पढ़ाई की थी। चौधरी चरण सिंह जी, जो बाद में भारत के प्रधानमन्त्री बने, हमारे पिताजी के मेरठ कॉलेज में सीनियर थे। एक दिन आगे पढ़ें
अन्य

जयपुर: एक यादगार यात्रा और दिल को छू लेने वाला अनुभव
जयपुर— राजस्थान की शान और “गुलाबी नगर” के नाम से मशहूर— एक ऐसा शहर है जहाँ इतिहास, संस्कृति और आधुनिकता का अनूठा संगम देखने को मिलता है। जैसे ही मैंने इस शहर में क़दम रखा, यहाँ की गुलाबी दीवारों, आगे पढ़ें
कविताएँ
शायरी
समाचार
साहित्य जगत - विदेश

24 वाँ अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन नेपाल
भाषा जितना विस्तारित, समृद्धि उतनी ही नेपाली और हिंदी की जननी एक ही संस्कृत हिंदी को मान्यता देने से…
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वरिष्ठ भारतीय भाषाविदों का सम्मान समारोह संपन्न
उज़्बेकिस्तान की राजधानी ताशकंद स्थित लाल बहादुर शास्त्री भारतीय संस्कृति केंद्र में गुरुवार, 27 फ़रवरी 2025 को दोपहर 3…
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इक्कीसवीं सदी का साहित्य विषयक एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी..
इक्कीसवीं सदी का साहित्य चुनौतीपूर्ण साहित्य है: प्रो. आर एस सर्राजु मातृभाषा ही वह माध्यम है जो हमें साहित्य की…
आगे पढ़ेंसाहित्य जगत - भारत

साठोत्तर काव्य आंदोलन में संघर्ष मूलक काव्य की प्रवृत्तियाँ—संगोष्ठी..
युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच (पंजीकृत न्यास) आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना राज्य शाखा की वर्चुअल अट्ठारहवीं संगोष्ठी 26 जनवरी-2025 (रविवार) 4…
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ग्रहण काल एवं अन्य कविताएँ का विमोचन संपन्न
उद्वेलन एवं संवेदनाओं की कविताएँ: प्रो. बी.एल. आच्छा सरल शब्दों में गहन विषयों को व्यक्त करना आसान नहीं: गोविंदराजन…
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काव्यांजलि: महिला क्रिश्चियन कॉलेज में भारतीय भाषा दिवस..
महिला क्रिश्चियन कॉलेज ने हाल ही में भारतीय भाषा दिवस मनाया, जो प्रसिद्ध तमिल कवि और स्वतंत्रता सेनानी सुब्रमणिय…
आगे पढ़ेंसाहित्य जगत - भारत

अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की रजत जयंती समारोह 2025
हमारी संस्कृति, परंपरा और पहचान का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है मातृभाषा: प्रो. पी. राधिका चेन्नई, 21 फरवरी, 2025। “मातृभाषा…
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‘क से कविता’ में अतिथि कवि डॉ. विनय कुमार से संवाद संपन्न
हैदराबाद, 24 जनवरी, 2025। मौलाना आज़ाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी, हैदराबाद के दूरस्थ शिक्षा केंद्र की लाइब्रेरी में ‘क से…
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डॉ. अमित धर्मसिंह के काव्य संग्रह कूड़ी के गुलाब का हुआ लोकार्पण
नव दलित लेखक संघ, दिल्ली के तत्वावधान में लोकार्पण एवं काव्यपाठ गोष्ठी का आयोजन हुआ। गोष्ठी दो चरणों में…
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