पिताओं और पुत्रों की

पिताओं और पुत्रों की  (रचनाकार - प्रो. असीम पारही)

(अनुवादक: दिनेश कुमार माली )
मेरे पिता के लिए

पाँच वर्ष
पाँच दीर्घ बसंतों के बारे में लिखा आपने
पाँच मार्गशीर्षों में ऊपर-ऊपर तैरे आप

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