दिनेश कुमार माली
शिक्षा :
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बी.ई.(आनर्स) (माइनिंग) (1992); (एम.बी.एम इंजिनीयरिंग कॉलेज, जोधपुर)
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पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन एकोलोजी एंड एनवायरनमेंट (1996);(इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एकोलोजी एंड एनवायरनमेंट, नई दिल्ली)
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एम.बी.ए (ऑपरेशन) (1999), (इन्दिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली)
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फ़र्स्ट क्लास सर्टिफिकेट ऑफ कोम्पेटेंसी (2000), (खान सुरक्षा महानिदेशालय, धनबाद)
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भारतीय लोक सेवा आयोग द्वारा उप-निदेशक (खान सुरक्षा) के रूप में चयनित (2007)
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कहानी लेखन महाविद्यालय (अम्बाला) से कहानी लेखन का डिप्लोमा
सम्प्रति : मई 2011 से महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड के तालचेर कोलफील्ड्स की लिंगराज खुली खदान में वरीय प्रबन्धक (खनन) के रूप में कार्यरत। इसके अतिरिक्त नामित राजभाषा अधिकारी के साथ-साथ ओपेरेटर इंडिपेंडेंट ट्रक डिस्पेच सिस्टम के प्रभारी भी है। इससे पहले 16.04.93 से 2002 तक भूमिगत खदानें जैसे हिंगीर रामपुर कोलियरी ओड़ीशा की सबसे पुरानी खदान), हीराखंड बुँदिया इंकलाइन में कार्यकारी अनुभव तथा 2002 से 2010 तक उच्च उत्पादकता वाली संबलेश्वरी खुली खदान की योजना-परियोजना से संबद्ध तथा साईडिंग के नोडल अधिकारी के रूप में प्रभार ग्रहण किया ।
प्रकाशित कृतियाँ :
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न हन्यते (एक श्रद्धांजलि)’ (1998)
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पक्षीवास (ओड़िया उपन्यास का अनुवाद)’(2010) (यश पब्लिकेशन,नई दिल्ली से प्रकाशित)
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रेप तथा अन्य कहानियाँ (ओड़िया कहानियों का अनुवाद) (2011), (राजपाल एंड संस, नई दिल्ली से प्रकाशित)
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बंद-कमरा (ओड़िया उपन्यास का अनुवाद) (2011), (राजपाल एंड संस, नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित )
प्रकाश्य : ओड़िया भाषा की प्रतिनिधि कहानियाँ, जगदीश मोहंती की श्रेष्ठ कहानियाँ
स्तम्भ : सुप्रसिद्ध वेब-पत्रिका srijangatha में ओड़िया कहानियों का दो साल से स्तम्भ ‘ओड़िया माटी’ का लेखन। इसके अतिरिक्त, वेब-पत्रिका नव्या और परिकल्पना में ओड़िया कविताओं एवं ओड़िया दलित कहानियों का लेखन।
सम्मान :
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कॉल इंडिया तथा महानदी कोलफील्ड्स द्वारा समय समय पर राजभाषा सम्मान
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भारतीय राजभाषा विकास संस्थान, देहरादून द्वारा आयोजित अखिल भारतीय राजभाषा संगोष्ठी-2011
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मदुरै में ‘राजभाषा विशिष्टता सम्मान’ तथा ‘विशेष राजभाषा विशिष्टता सम्मान’ द्वारा सम्मानित
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चतुर्थ अंतर-राष्ट्रीय हिन्दी सम्मेलन-2011
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थाईलेंड में सृजन-सम्मान संस्थान, रायपुर द्वारा "सृजन-श्री" से सम्मानित
ब्लॉग्स :
लेखक की कृतियाँ
- साहित्यिक आलेख
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- अमेरिकन जीवन-शैली को खंगालती कहानियाँ
- आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी जी की ‘विज्ञान-वार्ता’
- आधी दुनिया के सवाल : जवाब हैं किसके पास?
- कुछ स्मृतियाँ: डॉ. दिनेश्वर प्रसाद जी के साथ
- गिरीश पंकज के प्रसिद्ध उपन्यास ‘एक गाय की आत्मकथा’ की यथार्थ गाथा
- डॉ. विमला भण्डारी का काव्य-संसार
- दुनिया की आधी आबादी को चुनौती देती हुई कविताएँ: प्रोफ़ेसर असीम रंजन पारही का कविता—संग्रह ‘पिताओं और पुत्रों की’
- धर्म के नाम पर ख़तरे में मानवता: ‘जेहादन एवम् अन्य कहानियाँ’
- प्रोफ़ेसर प्रभा पंत के बाल साहित्य से गुज़रते हुए . . .
- भारत के उत्तर से दक्षिण तक एकता के सूत्र तलाशता डॉ. नीता चौबीसा का यात्रा-वृत्तान्त: ‘सप्तरथी का प्रवास’
- रेत समाधि : कथानक, भाषा-शिल्प एवं अनुवाद
- वृत्तीय विवेचन ‘अथर्वा’ का
- सात समुंदर पार से तोतों के गणतांत्रिक देश की पड़ताल
- सोद्देश्यपरक दीर्घ कहानियों के प्रमुख स्तम्भ: श्री हरिचरण प्रकाश
- पुस्तक समीक्षा
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- उद्भ्रांत के पत्रों का संसार: ‘हम गवाह चिट्ठियों के उस सुनहरे दौर के’
- डॉ. आर.डी. सैनी का उपन्यास ‘प्रिय ओलिव’: जैव-मैत्री का अद्वितीय उदाहरण
- डॉ. आर.डी. सैनी के शैक्षिक-उपन्यास ‘किताब’ पर सम्यक दृष्टि
- नारी-विमर्श और नारी उद्यमिता के नए आयाम गढ़ता उपन्यास: ‘बेनज़ीर: दरिया किनारे का ख़्वाब’
- प्रवासी लेखक श्री सुमन कुमार घई के कहानी-संग्रह ‘वह लावारिस नहीं थी’ से गुज़रते हुए
- प्रोफ़ेसर नरेश भार्गव की ‘काक-दृष्टि’ पर एक दृष्टि
- वसुधैव कुटुंबकम् का नाद-घोष करती हुई कहानियाँ: प्रवासी कथाकार शैलजा सक्सेना का कहानी-संग्रह ‘लेबनान की वो रात और अन्य कहानियाँ’
- सपनें, कामुकता और पुरुषों के मनोविज्ञान की टोह लेता दिव्या माथुर का अद्यतन उपन्यास ‘तिलिस्म’
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- अनूदित कविता
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- पूर्व और पश्चिम का सांस्कृतिक सेतु ‘जगन्नाथ-पुरी’: यात्रा-संस्मरण - 2
- पूर्व और पश्चिम का सांस्कृतिक सेतु ‘जगन्नाथ-पुरी’: यात्रा-संस्मरण - 3
- पूर्व और पश्चिम का सांस्कृतिक सेतु ‘जगन्नाथ-पुरी’: यात्रा-संस्मरण - 4
- पूर्व और पश्चिम का सांस्कृतिक सेतु ‘जगन्नाथ-पुरी’: यात्रा-संस्मरण - 5
- पूर्व और पश्चिम का सांस्कृतिक सेतु ‘जगन्नाथ-पुरी’: यात्रा-संस्मरण - 1
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