वक़्त : राजेश ’ललित’

15-11-2021

वक़्त : राजेश ’ललित’

राजेश ’ललित’ (अंक: 193, नवम्बर द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)

1.
वक़्त की रफ़्तार पे नज़र रख,
यह नदी बहुत गहरी है,
तू बस मँझधार पे नज़र रख।
मिल जायेगा किनारा भी एक दिन,
मैं भी देखता हूँ किसी सहारे को;
यूँ तू भी किसी तिनके पे नज़र रख।
 
2.
वक़्त से गिरा
एक लम्हा 
वो इतिहास हो गया
मैं जाते देख उसे
उदास हो गया।

2 टिप्पणियाँ

  • बहुत ही बढ़िया जी

  • 15 Nov, 2021 01:40 PM

    आदरणीय शर्मा जी अति उत्तम आप ऐसे ही रचनात्मक कार्यों में आगे बढ़ते रहें

कृपया टिप्पणी दें

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