समय : राजेश 'ललित'
राजेश ’ललित’1.
समय बताना ज़रा;
ये किसका समय है?
ये तेरा है?
ये मेरा है
समय; बस समय है!
न तेरा है
न मेरा है!
2.
ये कैसा समय है?
न बहुत बुरा है,
न बहुत अच्छा है!
समय बस समय ही है!
गुज़र रहा है, जैसे-तैसे।
3.
समय बदल गया!
समय ने सब बदल दिया !
वो अपनापन!
वो मित्र; वो रिश्ते!
सब खिसके!
4.
समय जैसे ठहर
सा गया है!
न; समय कहाँ ठहरा!
यह सिर्फ़ काल का पहरा!
हम हैं काल के ग्रास!
5.
हमारे पास तो
समय ही समय है!
जब कहोगे
आ जायेंगे!
जब आपके पास
समय हो तो बता देना!
6.
समय तो था
मेरे पास!
रेत सा फिसल गया।
हाथ से निकल गया ।
हाथ मलता रह गया।
1 टिप्पणियाँ
-
आदरणीय सुमन जी, आपका मेरी क्षणिकाओं को स्थान देने के लिये आभार एवं धन्यवाद। राजेश'ललित'
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