चल मेरे घोड़े

01-02-2023

चल मेरे घोड़े

राजेश ’ललित’ (अंक: 222, फरवरी प्रथम, 2023 में प्रकाशित)

चल मेरे घोड़े 
टिक्; टिक्; टिक्
मैं छोटा सा
ऊँची तेरी पीठ
कैसे करूँ? 
कैसे चढ़ूँ? 
कैसे करूँ
तेरी सवारी! 
डर लगता है भारी! 
गिर न जाऊँ
अपनी पीठ
को चोट पहुँचाऊँ! 
हड्डी पसली
एक करवाऊँ
 
इससे अच्छा
मेरा लकड़ी का घोड़ा
जब चाहूँ
तब उछलूँ
चढ़ जाऊँ
चल मेरे घोड़े
टिक् टिक् टिक्
पैर से इसको
नाच नचाऊँ
पैडल मारूँ
निकल पड़ूँ 
कभी घर में
कभी गली घुमाऊँ
घूम घूम कर
जब थक जाऊँ
कोने में घर के
खड़ा कर आऊँ

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