बाँझ शब्द

15-06-2022

बाँझ शब्द

राजेश ’ललित’ (अंक: 207, जून द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)

शब्द हो गये बाँझ। 
घूम रहे व्यर्थ
हो रहे अर्थ के अनर्थ
कभी कविता
कोई गीत/नवगीत
कहीं होती कथा
बेजान शब्द कहते
एक लघुकथा
शास्त्र ढूँढ़ते सार्थकता
गूढ़ है दर्शन
चलें निर्जन वन
कोई बाँझ शब्द उगल दें
जन्म दें किसी वेद का
किसी नये शास्त्र का। 

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