घिर घिर आए बादल 

15-08-2025

घिर घिर आए बादल 

राजेश ’ललित’ (अंक: 282, अगस्त प्रथम, 2025 में प्रकाशित)

 

घिर घिर आए बादल, 
ख़ूब बरसे, 
खेत डूबे, खलिहान डूबे, 
घर टूटे, 
पुल भी टूटे, 
संपर्क टूटे 
इधर वाले इधर 
रह गये 
उधर वाले उधर 
रामा मेघ दे 
पानी दे
गुड़धानी दे

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