हाथ से फिसला दिन 

15-01-2022

हाथ से फिसला दिन 

राजेश ’ललित’ (अंक: 197, जनवरी द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)

यूँ हाथ से
फिसला दिन
पल पल
छिन छिन
 
बहुत दिन
सूरज उगा
सूना सूना
बुझा बुझा
बिना धूप
के सूरज डूबा
रात हुई
बदरी छाई
तारे मत गिन
 
ऐसे ही
कुछ जीवन
फिसला
झूठ कहना
कभी न आया
कड़वा था पर
सत्य ही निकला
कहाँ रहे वो? 
अच्छे दिन!! 

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