भीगा मन

राजेश ’ललित’ (अंक: 226, अप्रैल प्रथम, 2023 में प्रकाशित)

 

मेरे घर आँगन
न आई कभी
न आयेगी कभी
धूप
भीगा भीगा रहा
मैं बाहर भी
भीतर भी

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