मैं नहीं सिद्धार्थ

15-04-2023

मैं नहीं सिद्धार्थ

राजेश ’ललित’ (अंक: 227, अप्रैल द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)


मैं नहीं सिद्धार्थ 
बचा सकूँ किसी
जीवन हंस का
हर कोई यहाँ
देवदत्त राजकुमार 
करता यहाँ शिकार
ज़ख़्मी करता
छोड़ देता तड़पता
कोई जान बचाता
उस पर अधिकार जमाता
कहाँ हो राजा शुद्धोधन? 
जो मिलता न्याय कहीं! 
जो बच पाता! 
किसी का जीवन? 
मैं कहाँ सिद्धार्थ? 
स्वयं बन रहा शिकार
देवदत्त का!! 

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