ढूँढ़िये कोई रिश्ता 

15-09-2025

ढूँढ़िये कोई रिश्ता 

राजेश ’ललित’ (अंक: 284, सितम्बर द्वितीय, 2025 में प्रकाशित)

 

आप ढूँढ़िये कोई रिश्ता, 
किसी की आँख के पीछे, 
किसी हिचकी के नीचे, 
किसी आँसू से शायद, 
आपका दिल पसीजे, 
किसी को देख, 
जब दिल भर आये, 
किसी को देख, 
कोई अपना याद आये, 
 
आप खोजें कोई रिश्ता, 
किसी फूल की महक 
से घर जाए, 
किसी तकिये को देख दिल मचल जाए, 
अलमारी से निकल कोई कपड़ा गिर जाय, 
 
आप खोजें कोई रिश्ता, 
अचानक कोई होंठों पर नाम आ जाए, 
कोई गीत जब यूँ ही गुनगुनाये, 
किसी का नाम बार बार, 
मुँह से निकल जाये
कोई चेहरा सपने में, 
बार बार दिख जाए, 
 
आप खोजें कोई रिश्ता, 
जब किसी किताब का फटा पन्ना, 
उड़ आए, 
फ़ाइलों में कोई, 
पीली पड़ गई चिट्ठी, 
दिख जाए, 
आपकी यादों की परत खुल जाये। 
 
तो याद आया कोई रिश्ता, 
पिटारे में अब और कुछ नहीं है, 
मिलेगा तो देखो फिर कुछ कहेंगे। 

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