एक थका हुआ सच

एक थका हुआ सच  (रचनाकार - देवी नागरानी)

(अनुवादक: देवी नागरानी )
फ़ासला

 
यह भी कोई फ़ासला है 
मेरे आईने में तेरा चेहरा है 
जुदाई की यह कैसी तन्ज़ है 
मेरे वजूद में तुम्हारी खुशबू है! 

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