मुकेश कुमार ऋषि वर्मा–हाइकु 001
मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
1.
उगता सूर्य
मिटता जग तम
हो उजियारा
2.
कच्ची कलियाँ
फूल बनने को हैं
फैलेगी ख़ुश्बू
3.
भोर हुई है
चिड़ियां चहकीं हैं
शुभ संदेश
4.
ओस की बूँदें
सरसों के पत्तों के
ऊपर देखो
5.
कैसे चमकीं
मोती सी बनकर
ओस की बूँदें
6.
यह वक़्त तो
बड़े-बड़े ज़ख़्म भी
भर देता है
7.
सारे ग़म भी
भुला देता है यह
बेदर्दी वक़्त
8.
वक़्त का मारा
रोता है हर वक़्त
वक़्त सताये
9.
वक़्त दिखाये
जन्नत का महल
वक़्त दे सुख
10.
यह वक़्त तो
बड़ा बलवान है
बेरहम भी
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