ऋतु बरसात की

01-07-2024

ऋतु बरसात की

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा (अंक: 256, जुलाई प्रथम, 2024 में प्रकाशित)

 

उमड़-घुमड़ कर बादल आये
पानी की रिमझिम बौछारें लाये 
 
बिजली चमकी, बिजली गरजी 
कब तक बरसेगा, बादल की मर्ज़ी 
 
भीग गये सब घर-द्वार 
बहने लगी मौसमी शीतल बयार 
 
गुल्लू ने काग़ज़ की नाव बनाई
बहते पानी में वह नाव चलाई 
 
फिर ख़ुशी से मनभर चिल्लाया 
उसको नाव वाला खेल पसंद आया 
 
ऋतु बरसात की नव जीवन देती 
और कीचड़-कीट समस्या भी लाती 
 
उमड़-घुमड़ कर बादल आये 
पानी की रिमझिम बौछारें लाये

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