माँ मेरी

15-08-2024

माँ मेरी

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा (अंक: 259, अगस्त द्वितीय, 2024 में प्रकाशित)

 

माँ मेरी 
तुम न दिखो 
तो लगता है 
जीवन सूना-सूना। 
 
माँ मेरी 
जब तुम पास होती
तो रहता है 
मेरा चेहरा खिला-खिला। 
 
माँ मेरी 
तेरा हाथ मेरे 
सिर पर रहता है 
तो हर ग़म दूर रहता है। 
 
माँ मेरी 
सदा रहो तुम पास
रोशन होती रहे 
मेरी हर राह। 

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