मेरा हृदय लेता हिलोरे 

01-12-2023

मेरा हृदय लेता हिलोरे 

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा (अंक: 242, दिसंबर प्रथम, 2023 में प्रकाशित)

 

मेरा हृदय लेता हिलोरे, 
आ जाएँ बचपन के वे दिन कोरे। 
 
उलझनों, झंझटों से छुटकारा था, 
बचपन मेरा बड़ा सलोना था, 
खेतों में, खलिहानों में घूमना था ‌। 
पोखर में रोज़ छुट्टी के बाद नहाना था॥
 
माँ का प्यार, पिताजी का दुलार था, 
ममता का साया मेरे सिर पर था। 
रुखा-सूखा खाना था, 
रोज़ मौज से स्कूल जाना था॥ 
 
मेरा हृदय लेता हिलोरे। 
आ जाएँ बचपन के वे दिन कोरे॥

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