हे भगवान! 

01-04-2025

हे भगवान! 

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा (अंक: 274, अप्रैल प्रथम, 2025 में प्रकाशित)

 

हे भगवान! तुम्हें नमन करूँ 
तुम्हें प्रणाम करूँ 
तुम्हें आँखों में बसा लूँ तो, 
तुम्हें साँसों में समा लूँ तो। 
 
हे भगवान! तुम्हें नमन करूँ 
तुम्हें प्रणाम करूँ 
महिमा थोड़ी गा लूँ तो, 
हृदय में बसा लूँ तो। 
 
हे भगवान! तुम्हें नमन करूँ 
तुम्हें प्रणाम करूँ 
तुमसे चलने का पथ पूछूँ तो, 
तुमसे जीने का मतलब पूछूँ तो। 
 
हे भगवान! तुम्हें नमन करूँ 
तुम्हें प्रणाम करूँ 
साकार तुम्हें मानूँ तो, 
निराकार तुम्हें मानूँ तो। 
 
हे भगवान! तुम्हें नमन करूँ 
तुम्हें प्रणाम करूँ 
ज्ञान तुम्हें मानूँ तो, 
विज्ञान तुम्हें मानूँ तो। 

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