दौलत

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा (अंक: 283, सितम्बर प्रथम, 2025 में प्रकाशित)

 

चस्का लगा जिन्हें काले धन का 
लूट-लूट स्विस बैंक हैं भरते 
सौदा करते कफ़न का। 
 
यहीं धरी रह जायेगी ये दौलत। 
एक दिन गली खायेगी ये शोहरत॥
 
चस्का लगा जिन्हें काले धन का 
मातृभूमि से करते गद्दारी 
खा जाते हक़ आम-जन का। 
 
बहुत दुखद जीवन निर्धन का। 
मोल न कोई उनकी घुटन का॥
 
ए.सी. में रहने वालो
क्या तुमको अहसास नहीं मौत का 
एक झटके में मिला, अनमिला सब छूटे। 

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