जीवन

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा (अंक: 288, नवम्बर द्वितीय, 2025 में प्रकाशित)

 

जीवन 
पाप-पुण्य का संगम है 
पाप को छोड़ 
पुण्य ग्रहण करते जाइए 
जीवन सुखद बनाते जाइए। 
 
जीवन
फूल-काँटों का संगम है 
काँटों को छोड़ 
फूल चुनते जाइए 
जीवन सुखद बनाते जाइए। 
 
जीवन
सुख-दुःख का संगम है 
दुःख को छोड़ 
सुख ग्रहण करते जाइए 
जीवन सुखद बनाते जाइए। 

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