मैं लिखता रहा 

15-08-2025

मैं लिखता रहा 

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा (अंक: 282, अगस्त प्रथम, 2025 में प्रकाशित)

 

मैं लिखता रहा 
लिख-लिख मिटाता रहा। 
 
वक़्त ने सताया 
मैं सहता रहा 
काल के माथे पर 
लिखता रहा 
लिख-लिख मिटाता रहा। 
 
कभी भाग्य 
कभी समय को दोष देता रहा 
मैं कर्मपथ पर चला 
कभी गिरा 
कभी उठा 
और चलता रहा 
मैं लिखता रहा 
लिख-लिख मिटाता रहा। 

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