गाँव की भोर

01-08-2024

गाँव की भोर

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा (अंक: 258, अगस्त प्रथम, 2024 में प्रकाशित)

 

बड़ी सुहानी गाँव की भोर 

मुर्गा बोले 
जन आँखें खोलें 
बापू चले खेत की ओर 
बड़ी सुहानी गाँव की भोर
 
मंदिर में घंटी बजे 
गोपाल की मूरत सजे
छत पर नाचे मोर 
बड़ी सुहानी गाँव की भोर 
 
चाची आँगन बुहारे 
आसमान से गुम हुए सितारे 
गुड़िया देती तुलसी को जल धार 
बड़ी सुहानी गाँव की भोर
 
दादी गाती सुर से मंत्र 
दादा पढ़ते अख़बार में लोकतंत्र 
तोता-मैना की जोड़ी सुंदर 
बड़ी सुहानी गाँव की भोर

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