नहीं हाथ परिणाम

15-02-2025

नहीं हाथ परिणाम

डॉ. सत्यवान सौरभ (अंक: 271, फरवरी द्वितीय, 2025 में प्रकाशित)

(दोहा छंद)

 

हर घर में कैसी लगी, ये मतलब की आग। 
अपनों को ही डस रहे, बने विभीषण नाग॥
 
सत्य धर्म की जंग में, जीत गए थे राम। 
मगर विभीषण तो रहे, सदियों तक बदनाम॥
 
राम-राम में मैं रमूँ, बनूँ राम का भक्त। 
चरणों में श्रीराम के, रहूँ सदा अनुरक्त॥
 
जिनका पानी मर गया, शर्म गयी पाताल। 
वो औरों को दोष दें, छीटें रहे उछाल॥
 
हो जाए यूँ हर सुबह, नवमी का त्योहार। 
दिखे सभी को बेटियाँ, देवी का अवतार॥
 
स्वार्थ से सम्बन्ध जुड़े, देते कब बलिदान। 
वक़्त पड़े पर टूटना, उनकी है पहचान॥
 
फल की चिंता मत करो, देना उसका काम। 
कर्म हमारा धर्म है, नहीं हाथ परिणाम॥

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