पुलिस हमारे देश की

01-01-2025

पुलिस हमारे देश की

डॉ. सत्यवान सौरभ (अंक: 268, जनवरी प्रथम, 2025 में प्रकाशित)

 
पुलिस हमारे देश की, 
हँस-हँस सहती वार। 
परिजनों से दूर रहे, 
ले कंधे पर भार॥
 
होली या दीपावली, 
कैसा भी हो काम। 
पुलिस रक्षक दल बने, 
बिना करे विश्राम॥
 
हम रहते घर चैन से, 
पहरा दे दिन रात। 
पुलिस सामने आ अड़े, 
सहने हर आघात॥
 
अमन शान्ति क़ायम रहे, 
प्रतिपल है तैयार। 
सतत, सजग हो कर करे, 
अपराधी पर वार॥
 
विपदा में बेख़ौफ़ हो, 
देती अपनी जान। 
ऋणी हैं सभी पुलिस के, 
देते हम सम्मान। 
 
सीटी मारे जब पुलिस, 
बजे हृदय में तार। 
अभी तुम्हारी ले ख़बर, 
उठती एक पुकार॥
 
ये भी माँ के लाड़ले, 
इनके भी परिवार। 
होली क्या दीपावली, 
ड्यूटी पर हर बार॥

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