देश न भूले भगत को

01-04-2025

देश न भूले भगत को

डॉ. सत्यवान सौरभ (अंक: 274, अप्रैल प्रथम, 2025 में प्रकाशित)

 

तन-मन अर्पित कर चला, रक्षा में बलिदान। 
इतिहासों में गूँजता, आज भगत जय-गान॥
 
भगत सिंह, सुखदेव क्यों, खो बैठे पहचान? 
पूछ रही माँ भारती, बोलो हिंदुस्तान॥
 
भगत सिंह, आज़ाद ने, फूँका था शंख नाद। 
आज़ादी जिनसे मिले, रखो हमेशा याद॥
 
बोलो सौरभ क्यों नहीं, भारत हो लाचार। 
भगत सिंह कोई नहीं, बनने को तैयार॥
 
भगत सिंह, आज़ाद से, हो जन्मे जब वीर। 
रक्षा करते देश की, डिगे न उनका धीर॥
 
मरते दम तक हम करें, एक यही फ़रियाद। 
देश न भूले भगत को, याद रहे आज़ाद॥
 
यौवन जिसने वार दी, मातृभूमि के नाम। 
उस सपूत को आज भी, करता जगत प्रणाम॥
 
भारत माता के हुआ, मन में आज मलाल। 
पैदा क्यों होते नहीं, भगत सिंह से लाल॥
 
रोया सारा व्योम जब, तड़पे सारे देव। 
फाँसी झूले जब गए, भगत, राज, सुखदेव॥
 
भगत सिंह, आज़ाद हो, या हो वीर अनाम। 
करें समर्पित हम उन्हें, सौरभ प्रथम प्रणाम॥

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