हम बच्चे 

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा (अंक: 289, दिसंबर प्रथम, 2025 में प्रकाशित)

 

भारत माता के हम बच्चे
सच्चाई के पथ पर चलने वाले 
बाधाओं से नहीं घबराने वाली। 
 
माता-पिता के प्यारे-प्यारे 
जग में उनका यश बढ़ाते हैं 
हर कार्य समय पर करते हैं। 
 
भारत माता के हम बच्चे 
ज्ञान-विज्ञान में इतिहास रचते हैं 
ऊँच-नीच, जाति-धर्म में नहीं पड़ते हैं 
हम नित-नित आगे बढ़ते हैं। 
 
बापू, सुभाष, भगत का यश गाते हैं 
भारत माता के चरणों में शीश झुकाते हैं 
सदा राष्ट्रधर्म ही अपनाते हैं। 
 
त्याग-बलिदान हमारे ख़ून में है 
तिरंगे की शान में सर्वस्व लुटाते हैं 
जय किसान, जय जवान के गुण गाते हैं। 

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