ज़िन्दगी

15-01-2022

ज़िन्दगी

मुकेश कुमार ऋषि वर्मा (अंक: 197, जनवरी द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)

रो कर हँसना ही नाम ज़िन्दगी, 
क्षण-क्षण संघर्ष नाम ज़िन्दगी। 
नित-नित चलना-रुकना, 
सफल-असफल नाम ज़िन्दगी। 
मान-अपमान, कहीं सम्मान, 
तो कभी बदनाम ज़िन्दगी। 
शूल-फूल मिलते बारी-बारी, 
विरह-मिलन का नाम ज़िन्दगी। 
कभी सुख, कभी दुःख आता, 
दिन-रात का नाम ज़िन्दगी। 
मत लगने देना विराम, 
मर-मरकर जीने का नाम ज़िन्दगी। 
कभी मिले अमृत, कभी मिले हलाहल, 
आँखें बंद कर पीने का नाम ज़िन्दगी। 
धूप-छाँव का संगम प्यारे, 
उतार-चढ़ाव का नाम ज़िन्दगी। 
रो कर हँसना ही नाम ज़िन्दगी, 
क्षण-क्षण संघर्ष नाम ज़िन्दगी। 

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