नए साल के पंख पर

01-01-2023

नए साल के पंख पर

प्रियंका सौरभ (अंक: 220, जनवरी प्रथम, 2023 में प्रकाशित)

बीत गया ये साल तो, देकर सुख-दुःख मीत! 
क्या पता? क्या है बुना? नई भोर ने गीत!! 
 
माफ़ करे सब ग़लतियाँ, होकर मन के मीत! 
मिटे सभी की वेदना, जुड़े प्यार की रीत!! 
 
जो खोया वो सोचकर, होना नहीं उदास! 
जब तक साँसें हैं मिली, रख ख़ुशियों की आस!! 
 
खिली-खिली हो ज़िन्दगी, महक उठे अरमान! 
आशा है नव साल की, सुखद बने पहचान!!
 
छँटे कुहासा मौन का, निखरे मन का रूप! 
सब रिश्तों में खिल उठे, अपनेपन की धूप!! 
 
दर्द दुखों का अंत हो, विपदाएँ हो दूर! 
कोई भी न हो कहीं, रोने को मजबूर!! 
 
छेड़ रही है प्यार की, मीठी-मीठी तान! 
नए साल के पंख पर, ख़ुशबू भरे उड़ान!! 

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