भेद सारे चूर कर दो

01-12-2022

भेद सारे चूर कर दो

प्रियंका सौरभ (अंक: 218, दिसंबर प्रथम, 2022 में प्रकाशित)

(प्रियंका सौरभ के काव्य संग्रह ‘दीमक लगे गुलाब’ से) 
 
माँ वीणा वादिनी मधुर स्वर दो, 
हर जिह्वा वैभवयुक्त कर दो। 
मन सारे स्नेहमय हो जाए, 
ऐसे गुणों का अमृत भर दो॥
 
माँ वीणा की झंकार भर दो, 
जीवन में नवल संचार कर दो। 
हर डाली ख़ुश्मबूय हो जाए, 
ऐसे सब गुलज़ार कर दो॥
 
अंतस तम को दूर कर दो, 
अंधकार को नूर कर दो। 
मन से मन का हो मिलन, 
भेद सारे चूर कर दो॥
 
गान कर माँ रागिनी का, 
भान कर माँ वादिनी का। 
पूरी हो सब कामनाएँ, 
दो सुर माँ रागिनी का॥

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