इनके बाद

01-01-2022

इनके बाद

डॉ. उषा रानी बंसल (अंक: 196, जनवरी प्रथम, 2022 में प्रकाशित)

ये मिले तो-
अमावस की गहरी निशा को, 
पूनम की चाँदनी की किरण मिल गई। 
एक नई आशा, एक नया विश्वास, 
नया हौसला नया संबल मिला
आकाश में रंग भर गये, 
उनके जाने के बाद, 
अब तूलिका से न चित्र बनते हैं, 
न रंग खिलते हैं, न क़लम चलती है, 
पूनम भी अमावस सी है, 
तेरे जाने से सब शून्य हो गया। 

0 टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें

लेखक की अन्य कृतियाँ

कविता
सामाजिक आलेख
ऐतिहासिक
सांस्कृतिक आलेख
सांस्कृतिक कथा
हास्य-व्यंग्य कविता
स्मृति लेख
ललित निबन्ध
कहानी
यात्रा-संस्मरण
शोध निबन्ध
रेखाचित्र
बाल साहित्य कहानी
लघुकथा
आप-बीती
यात्रा वृत्तांत
हास्य-व्यंग्य आलेख-कहानी
बच्चों के मुख से
साहित्यिक आलेख
बाल साहित्य कविता
विडियो
ऑडियो

विशेषांक में