वक़्त

डॉ. उषा रानी बंसल (अंक: 221, जनवरी द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)

वक़्त के पत्तों पर, 
जलते यादों के दीये
कब तक जलेंगे? 
 
ख़ुशी के पल में लरजते
खिलखिलाते, 
दुःख के क्षणों में भभक उठते, 
कब ज़र्द हो ख़ाक हो, 
मौन हो जायेंगे, 
कौन जाने? 
 
वक़्त कब रुका है—
वक़्त का वक़्त किसको पता है।

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