उत्सर्जन में आनन्द

01-02-2021

उत्सर्जन में आनन्द

राजनन्दन सिंह (अंक: 174, फरवरी प्रथम, 2021 में प्रकाशित)

उत्सर्जन में
एक आनन्द है
जैसे हम 
किसी सरखपाऊ चिन्ता से
चिन्तामुक्त होते हैं
किसी कष्टप्रद बीमारी से
छुटकारा पाते हैं
यह उत्सर्जन है
स्वेद और कफ़ का बाहर आना
मल-मूत्र या वायु 
यानि विकारों का त्याग
उत्सर्जन है
अधम लोभ 
भय निंदा ईर्ष्या आलस्य, संकोच,
और नुक़सान दे रही
सादगी का त्याग भी
उत्सर्जन ही है
अपने विकारों से मुक्त होना
एक सुख है, 
संतोष है
आशा है 
उमंग है 
आनंद है

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