फरीदाबाद में ड्राइविंग
राजनन्दन सिंहयदि फरीदाबाद में आपको
कभी गाड़ी चलाने का
सुअवसर प्राप्त हो
तो फ़िल्म मेरा नाम जोकर का
ऐ भाई ज़रा देख के चलो
वह गाना पहले सुन लें
आगे-पीछे, दायें बायें
ऊपर नीचे देखें ही देखें
साथ चल रहे पैदल, दुपहिये,
तिपहिये, चौपहिये
की हृदय गति का अनुमान
एवं उनके हाव-भाव भी देखें
पता नहीं कौन
कब पूरब का इशारा देकर
अचानक पच्छिम मुड़ जाए
पता नहीं कौन
अपनी ग़लती पर भी
उल्टे आप हीं को घूर जाए
पता नहीं कब
किसी चौपहिये की खिड़की खुले
फलों के छिलके सवारियों की जूठन
ख़ाली बोतलें बाहर आने लगें
आप डर जाएँ
आपकी बाईक के आगे
पता नहीं कब
किसी ड्राइवर का दरवाज़ा आधा खुले
एक गर्दन बाहर निकले
सड़क पर पिचकारी की लाल फूच्च
और आपके कपड़ों पर
कुछ रंगीन छींटे पड़ जाएँ
आगे चल रहा दुपहिया
पता नहीं कब चलते-चलते
कहीं अचानक रुक जाए
नहीं भी रुका
फिर भी सावधान ही रहिए
भरोसा नहीं है
कब वह चलते-चलते कहीं
अचानक थूक जाए
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