घोंसलों से उँचा गाँव

15-05-2021

घोंसलों से उँचा गाँव

राजनन्दन सिंह (अंक: 181, मई द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)

उतनी उँचाई पर 
वहाँ
अब तो पक्षियों के  
घोसले भी नहीं होते 
जहाँ मनुष्यों ने 
अपना गाँव बसा लिया है
खंभों स्तंभों के रूप में खड़ी
महानगरों की
मानव बस्तियाँ
आसमान से 
बातें करती हैं
यह युग और विज्ञान का 
असर है
कुतुबमीनार से भी ऊँचा
पक्षियों के घोंसलों से ऊपर
सर्व सुविधा संपन्न
अब मानवों का गाँव है
मनुष्यों का घर है

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