मच्छर और भ्रष्ट अधिकारी

01-08-2020

मच्छर और भ्रष्ट अधिकारी

राजनन्दन सिंह (अंक: 161, अगस्त प्रथम, 2020 में प्रकाशित)

मच्छर और भ्रष्ट अधिकारी
बीमारी 
दोनों ही फैलाते हैं
एक शरीर में
दूसरा समाज में
मच्छर 
शरीर के पास आता है
समाज 
अधिकारी का चक्कर लगाता है
मच्छर को भय है
एक चपत और लाश गुम
अधिकारी अभय है
क्या कर लोगे
जहाँ जाना है जाओ तुम
मच्छर के भाग्य से 
अपर्याप्त  है मच्छरदानी
अधिकारी के भाग्य से 
पर्याप्त है मनमानी
दोनों ख़ुश रहते हैं 
खाते हैं पीते हैं गुनगुनाते हैं
मच्छर और भ्रष्ट अधिकारी
बीमारी 
दोनों ही फैलाते हैं
 

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