मैं एक छोटा सा नेता हूँ

15-02-2021

मैं एक छोटा सा नेता हूँ

राजनन्दन सिंह (अंक: 175, फरवरी द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)

मैं एक छोटा सा
नन्हा सा प्यारा सा 
अदना सा नेता हूँ
आप लोगों की मेहरबानी से 
देश का एक नाव
मैं भी खेता हूँ
आप कहेंगे नाव खेना
ये कौन सी नेतागिरी है
तो बड़े नेताओं की तरह
मैं कभी किसी को 
भाषणों में नहीं उलझाता
पहेलियाँ  नहीं बुझाता
ये लो मैं ख़ुद ही खुलकर बतलाता हूँ
केन्द्रीय भ्रष्टाचार प्रोत्साहन मंत्रालय का
मैं केन्द्रीय राज्यमंत्री हूँ
जनता का सेवक हूँ
सरकार का संतरी हूँ
भ्रष्टाचार पूरी ईमानदारी से फैलाता हूँ
भ्रष्ट मंत्रियों की भ्रष्टता में
कोई ख़लल न पड़े
सरकार को जनता की
निगाहों से बचाता हूँ
सरकार के विरुद्ध लोग
कहीं एक न हो जाएँ
जनता को जनता से उलझाता हूँ
जाति-धरम ऊँच-नीच का
मुद्दा उठाता हूँ
ज़रूरत पड़ी तो 
क्षेत्रियता और विकास की
हवा बनाता हूँ
अपने ही नेता पर
अपने ही छद्मभेषी कार्यकर्ता से
सुरक्षित हमले करवाता हूँ
मुँह पर स्याही फिंकवाता हूँ
संकेत मिलता है
तो दंगे भी करवाता हूँ
क्या करूँ
सरकारी मंत्री हूँ
सरकार हित में सोचना पड़ता है
विकास की तरफ 
जनता के बढ़ते हुए क़दम
रोकना पड़ता है
अब देखिये न आजकल 
फूट डालो कुर्सी बचाओ मंत्रालय का
अतिरिक्त कार्यभार भी मेरे ही ऊपर है
सच पूछिये तो चिन्ता के मारे
ऐशो आराम भी दूभर है
ऊपर से जनता भी बाज़ नहीं आती 
गालियाँ सुनाने से
कितना दुम हिलाने 
और तलवे चटवाने के बाद
एक कुर्सी क्या दिलवाती है
ज़रा सी बात न बिगड़ी कि
चूकती नहीं है 
हमारे विरुद्ध नारे लगाने से
हमारे पुतले जलाने से
अरे प्रजातंत्र के नागरिकों
पाँच दिनों की कुर्सी के बदले
पचहत्तर तलवे चटवाते हो
कभी सोचा है तुमने 
आख़िर क्या लाभ है
ऐसी डगमगाती कुर्सी दिलवाने से
मैं तुम्हारे लिए  कुछ अच्छा
कभी सोंचूँ तो कब सोंचूँ
मुझे फ़ुर्सत ही कहाँ है
सरकार की दुम सहलाने से
जनता के आगे  दुम हिलाने से
अपनी असुरक्षित 
अस्थायी कुर्सी बचाने से
इसीलिए मेरा आग्रह है
आप लोगों की मेहरबानी से 
मैं तो महज़ देश की 
एक छोटा सी नाव खेता हूँ
मैं एक छोटा सा
नन्हा सा प्यारा सा 
अदना सा नेता हूँ

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