मैं और तुम

01-09-2020

मैं और तुम

राजनन्दन सिंह (अंक: 163, सितम्बर प्रथम, 2020 में प्रकाशित)

मैं 
आसमान हूँ
शून्य
यानि कुछ भी नहीं
 
तुम 
वह सब कुछ हो
जो आसमान में दिखता है
चाँद, सूर्य, सौरमंडल, तारे, तारेगण, 
आकाशगंगा, आकाशगंगा समूह
 
मुझमें वायु तुम हो
वायुमंडल तुम हो
नमी बादल ध्वनि तुम हो
गति प्रकाश अँधेरा तुम हो
आकर्षण विकर्षण वज्र तुम हो
दण्ड बिजली सप्तरंगी इंद्रधनुष तुम हो
 
यह वह और “तुम” तुम हो
मुझमें मेरा “मैं” भी तुम ही हो
तुम्हारी उपस्थिति ही  
मेरा अस्तित्व है
मैं तुमसे विभूषित हूँ
मैं तुमसे आलोकित हूँ
तुम्हीं से चल हूँ
तुम्हीं से चैतन्य हूँ

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