प्राणों से भी प्यारा झंडा

15-08-2020

प्राणों से भी प्यारा झंडा

राजनन्दन सिंह (अंक: 162, अगस्त द्वितीय, 2020 में प्रकाशित)

प्राणों से भी प्यारा झंडा
भारत का यह शान है
प्राणार्पण है इसकी ख़ातिर
देश का यह अभिमान है
 
केसरिया तप त्याग मनोबल
सर्वोपरि हमारा
श्वेत सत्य शांति अहिंसा
का संदेश हमारा
हरा हिमालय से लेकर
सागर तक देश हमारा
धर्मचक्र प्रगतिशीलता
का संकल्प महान है
 
हृदय हरषता तब-तब 
जब-जब भी कहीं फहराता 
गर्व से सीना तन जाता 
मन में रोमांच हो आता
खिलाड़ियों का शौर्य परिचय 
जब जग से यह करवाता
राष्ट्रधुन संग देख तिरंगा
भर आती  मुस्कान है
प्राणों से भी प्यारा झंडा
भारत का यह शान है

0 टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें

लेखक की अन्य कृतियाँ

सम्पादकीय प्रतिक्रिया
कहानी
सांस्कृतिक आलेख
कविता
किशोर साहित्य कविता
हास्य-व्यंग्य कविता
दोहे
बाल साहित्य कविता
नज़्म
विडियो
ऑडियो

विशेषांक में