घोंसला और घर

15-05-2020

घोंसला और घर

राजनन्दन सिंह (अंक: 156, मई द्वितीय, 2020 में प्रकाशित)

सभी गौरैयाँ
एक से घोंसले बनाती हैं
सभी दरजिन चिड़िया
एक से घोंसले सीती हैं
सभी गीदड़
एक सा माँद खोदते हैं
सभी चूहे
एक से ही बिल खोदते हैं
मगर सभी मनुष्य
एक सा घर नहीं बनाते
किसी की झोपड़ी
किसी का महल
कोई बेघर
तो किसी का सौ घर
क्योंकि मनुष्य बुद्धिमान है
और बुद्धि की 
एक अलग पहचान है

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