उत्पादन, अर्जन और सृजन

01-02-2021

उत्पादन, अर्जन और सृजन

राजनन्दन सिंह (अंक: 174, फरवरी प्रथम, 2021 में प्रकाशित)

एक किसान
अपनी लहलहाती फ़सल
एक व्यापारी
अपना बढ़ता व्यापार
एक उद्योगपति
अपना फैलता उद्योग 
एक लेखक 
अपनी सफल रचना
या एक कलाकार 
अपनी उत्तम कृति 
देखकर 
जो आनन्द प्राप्त करता है
वह उसे घी-हलवे के भोजन 
लुईस फिलिप की कमीज़ 
टिम्बरलैंड के जूते
और चार्टेड हवाई जहाज़ में 
उड़कर भी नहीं मिलता
क्योंकि उपभोग में सिर्फ़ 
ख़ुशी है संतुष्टि है तृप्ति है
उत्पादन, अर्जन और सृजन जैसी
उपलब्धि का वह उमंग 
वह परम आनन्द नहीं है
विमुग्धता को छोड़कर
अन्यत्र कहीं भी नहीं  

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