यह कोरोना विषाणु

01-04-2020

यह कोरोना विषाणु

राजनन्दन सिंह (अंक: 153, अप्रैल प्रथम, 2020 में प्रकाशित)

किसी जानवर से निकला
अनचाहा
यह “कोरोना विषाणु”
जो बड़ी-बड़ी 
सरकारों के रोके
नहीं रुक रहा
यह बिना मुँह का दानव
मानवों की ज़िंदगियाँ 
बिना शोर निगल रहा
हे विधाता
यह जहाँ है 
वहीं थम जाए


और बदले में
किसी और जानवर से
कुछ ऐसा ही हठज़ोर 
कोई  “नैतिक जीवाणु” निकले
जो बिना भेद के  पसरे
और सारी दुनिया में
रम जाए

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