ध्वज नमन

राजनन्दन सिंह (अंक: 187, अगस्त द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)

शान हमारा आन हमारी
हे ध्वज तूँ अभिमान है
नभ में उँचा लहराये तूँ
भारत का स्वाभिमान है
 
सदियों के संघर्ष से हे ध्वज
हमने तुझको पाया है
जितना हमने ज़ुल्म सहा 
उतना ही शीश चढ़ाया है
गर्व है तुझ पर, तूँ ही हमारे
वीरों का बलिदान है
 
जाति धरम वर्ग क्षेत्र रंग में
दिखते भले हीं अनेक हैं
हे ध्वज लेकिन राष्ट्र रंग में
तुम्हरे तले  हम एक है
बहुरंगी फूलमाल राष्ट्र का
एक सूत्र सन्मान है
 
नमन वणक्कम, वंदन, सैल्युट,
नमस्कार सलाम तुझे
हे ध्वज सर्व निछावर तुझपे
कोटि-कोटि प्रणाम तुझे
साहस, बल तूँ , सामर्थ्य धैर्य
आनंद उमंग  अरमान है
 
जग में उँचा फहराये तूँ
भारत की पहचान है

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