दो हमें शक्ति ऐसी
हे देव निराशा भूल जाएँ
कठिन असंभव दिखनेवाले
राह सुलभ हो खुल जाएँ
जग पाए शक्ति
मय अंधभक्ति
बद्ध बुद्धि निर्मूल जाए
भवजड़ता, स्थिति मुग्धता
सब तेरी कृपा से धुल जाए
जगे सुबुद्धि स्वविवेक
सामर्थ्य सुपथ हम पा जाएँ
जियें राष्ट्र के लिए सदा हो
जहाँ ज़रूरत काम आएँ