मक्कारों की सूची
राजनन्दन सिंहगाँव में
बड़ी-बड़ी मक्कारियों को
अंजाम दे
छुपे हुए
आराम से गुमनाम 
बहुत से नमकहराम
बिना दंड बिना भय
बेरोक-टोक बेलगाम 
गाँव की अंधता पर
मुस्कुरा रहे हैं . . . ठठा1 रहे हैं
बिना मुँह छिपाए
अपने अपराधों की सफलता का
लुत्फ़े जश्न उठा रहे हैं
 
इसलिए एक सूची
उन धूर्त मक्कारों की भी
बनवाई जाए
राष्ट्रीय दैनिक अख़बारों में 
छपवाई जाए
देर ही सही
यह ज़रूरी है
उनकी धूर्तता से परदा हटे
उनकी मक्कारी
अब पूरे गाँव को बताई जाए
 
1. ठठाना=ठहाके से हँसना
 
1 टिप्पणियाँ
- 
                  5 Sep, 2021 07:09 AM
इसी तरह लिखते रहिए ,समाज को जगाते रहिए बहुत बहुत मंगलकामनाएं
 
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