ठीक है
धन का लालच
तुम्हें अपने कर्तव्य से
डिगा नहीं सकता
अच्छी बात है
तो फिर गुमान
अपनी ग़रीबी पर क्यों?
अपने त्याग पर करो
क्योंकि अच्छी बात
तुम्हारी कर्तव्यनिष्ठता है
तुम्हारा त्याग है
तुम्हारा अडिग होना है
तुम्हारी ग़रीबी नहीं