टी-गार्ड
वीरेन्द्र बहादुर सिंह
जेल से छूटा युवक आग बरसती उस दोपहर को किसी छाया वाले वृक्ष की तलाश में चला जा रहा था। तभी सड़क किनारे एक पार्क मिला। वह आराम करने के लिए पार्क में एक पेड़ की छाया में बैठ गया। उस पेड़ को उसने टी-गार्ड के बीच फँसा देखा तो परेशान हो गया।
उसने तुरंत उस पेड़ को टीगार्ड से मुक्त किया।