मैं तुम्हारी मीरा हूँ

01-02-2023

मैं तुम्हारी मीरा हूँ

वीरेन्द्र बहादुर सिंह  (अंक: 222, फरवरी प्रथम, 2023 में प्रकाशित)

ज़हर का कटोरा पीने की हिम्मत हो, 
तभी कहना कि हे कृष्ण मैं तुम्हारी मीरा हूँ। 
अगर प्यार का अर्थ आत्मसात करना हो, 
तभी कहना कि हे कृष्ण मैं तुम्हारी मीरा हूँ। 
विरह की वेदना सहन करने की शक्ति हो, 
तभी कहना कि हे कृष्ण मैं तुम्हारी मीरा हूँ। 
समर्पण यानी क्या? इस का भान हो, 
तभी कहना कि हे कृष्ण मैं तुम्हारी मीरा हूँ। 
तन-मन और आत्मा से एकाकार होना आता हो, 
तभी कहना कि हे कृष्ण मैं तुम्हारी मीरा हूँ। 
ममत्व त्याग कर सब कुछ न्योछावर करना आता हो, 
तभी कहना कि हे कृष्ण मैं तुम्हारी मीरा हूँ। 
पूरी दुनिया को छोड़ने की हिम्मत हो, 
तभी कहना कि हे कृष्ण मैं तुम्हारी मीरा हूँ। 
अगर ज़हर का कटोरा पीने की तैयारी न हो, 
तो क्यों? कहना कि हे कृष्ण मैं तुम्हारी मीरा हूँ।, 

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